जामिया हिंसा: इंडिया गेट पर प्रियंका गांधी की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं ने किया धरना-प्रदर्शन

जामिया हिंसा: इंडिया गेट पर प्रियंका गांधी की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं ने किया धरना-प्रदर्शन


 *बोलीं- ये देश गुंडों की जागीर नहीं*


नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए इंडिया गेट पर धरना दिया। प्रियंका गांधी के साथ-साथ उनके समर्थक भी धरने पर बैठे हैं। इस दौरान प्रियंका ने कहा है कि देश गुंडों की जागीर नहीं है। इस धरना पर प्रियंका गांधी के साथ केसी वेणुगोपाल, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, अहमद पटेल और पार्टी के अन्य नेता भी धरने पर बैठे हैं। इस बीच खबर है कि तीन मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है। 


इससे पहले सोमवार को ही सोनिया गांधी ने कहा 'सरकार ने संविधान और छात्रों पर हमला किया है, उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रवेश कर छात्रों पर हमला किया। हम संविधान के लिए लड़ेंगे, हम इस सरकार के खिलाफ लड़ेंगे'।


दिल्ली विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए सोमवार को परीक्षाओं का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया।


इसके बाद कला संकाय में भारी बल की तैनाती कर दी गई है। सूत्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के छात्रों ने जामिया की स्थिति का हवाला देकर रविवार रात अपने प्राध्यापकों को पत्र लिख कर परीक्षाओं को टालने का अनुरोध किया लेकिन देर हो जाने की वजह से इस पर विचार नहीं किया जा सका।


एक सूत्र ने बताया कि छात्रों से कहा गया कि, चूंकि परीक्षाएं खत्म होने की कगार पर हैं, इसलिए उनके स्थगन का फैसला संभव नहीं है। साथ ही सूत्रों ने कहा कि परीक्षा टालने का फैसला केवल विश्वविद्यालय ले सकता है न कि संबंधित विभाग। दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने परीक्षाओं का बहिष्कार कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर कार्रवाई की।


हालांकि, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुछ छात्र दूसरों को परीक्षा देने से रोक रहे थे और पुलिस उन पर नजर रखने के लिए वहां मौजूद थी।


पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मोनिका भारद्वाज ने कहा, “हम परिसर में बस नजर रखने के लिए थे क्योंकि कुछ छात्र दूसरों को परीक्षा देने से रोक रहे थे।” साथ ही अधिकारी ने कहा कि उन्होंने किसी छात्र को हिरासत में नहीं लिया और न ही किसी पर बल का प्रयोग किया। राजनीति शास्त्र के छात्रों ने जामिया के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए परीक्षाओं का बहिष्कार किया।


रामजस कॉलेज के एक छात्र, अभिज्ञान ने कहा, “मैं एकमात्र ऐसा छात्र हूं जिसे मौरिस नगर पुलिस थाने में हिरासत में लिया गया। जामिया छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ कला संकाय के बाहर 60-70 छात्रों का समूह विरोध प्रदर्शन कर रहा था।”


आईआईएम, बेंगलूर के छात्रों ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र


उधर, भारतीय प्रबंध संस्थान, बेंगलूर के 100 से अधिक छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई का विरोध किया। पत्र में लिखा गया, ''हम संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ हैं। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि अन्यायपूर्ण कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों को न कुचलें।''


इसमें कहा गया, ''छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की हम निंदा करते हैं। अहिंसक नागरिक अवज्ञा हमारे गणतंत्र के मूल में है। हमारा अनुरोध है कि आप यह सुनिश्चित करें कि छात्र शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते रहें और उनके खिलाफ बड़े प्राधिकारों और जिम्मेदारी वाले पदों पर बैठे राज्य के रखवालों समेत कोई भी हिंसा न भड़काए।''


छात्रों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में साफ किया गया है कि उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर पत्र लिखा है। भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलूर के छात्रों ने भी जामिया, एएमयू के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया